A Secret Weapon For Shodashi
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Shodashi’s mantra encourages self-willpower and mindfulness. By chanting this mantra, devotees cultivate higher Management over their feelings and steps, leading to a more mindful and purposeful method of everyday living. This reward supports personal development and self-self-discipline.
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥३॥
देयान्मे शुभवस्त्रा करचलवलया वल्लकीं वादयन्ती ॥१॥
Darshans and Jagratas are pivotal in fostering a sense of Neighborhood and spiritual solidarity among the devotees. In the course of these occasions, the collective Vitality and devotion are palpable, as participants interact in various types of worship and celebration.
साशङ्कं साश्रुपातं सविनयकरुणं याचिता कामपत्न्या ।
ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता click here के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।
यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।
Goddess Shodashi has a third eye around the forehead. She is clad in red costume and richly bejeweled. She sits with a lotus seat laid on the golden throne. She is shown with four arms where she holds five arrows of bouquets, a noose, a goad and sugarcane for a bow.
दुष्टानां दानवानां मदभरहरणा दुःखहन्त्री बुधानां
Her beauty is usually a gateway to spiritual awakening, producing her an object of meditation and veneration for the people trying to get to transcend worldly wants.
हंसोऽहंमन्त्रराज्ञी हरिहयवरदा हादिमन्त्रार्थरूपा ।
कालहृल्लोहलोल्लोहकलानाशनकारिणीम् ॥२॥
इति द्वादशभी श्लोकैः स्तवनं सर्वसिद्धिकृत् ।
As among the list of 10 Mahavidyas, her Tale weaves through the tapestry of Hindu mythology, giving a loaded narrative that symbolizes the triumph of excellent in excess of evil and the spiritual journey from ignorance to enlightenment.